Thursday, May 20, 2010

मुझे इस जहाँ से हस्तें-हस्तें रुखसत कर दो....




मुझे इस जहाँ से हस्तें-हस्तें
रुखसत कर दो


यही मेरी मोहब्बत का इनाम होगा


आंसूओं के ये मोती मेरी मौत पर
बिखराओ ना

इससे जहाँ में मेरा प्यार बदनाम
होगा

मुझे इस
जहाँ से हस्तें-हस्तें रुखसत कर दो
यही मेरी मोहब्बत का इनाम
होगा.................


बेवफा तेरी बदोलत ही, मैं दुनियां से जा रहा हूँ

ज़िन्दगी को छोड़कर, रुक जा, ऐ मौत
तेरे पास आ रहा हूँ

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